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किसान संगठनों को मनाने के लिए सोमवार देर रात चंडीगढ़ में सरकार के कई मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच बैठक हुई. हवाई यातायात द्वारा दिल्ली इन्दिरा गांधी अन्तरराष्ट्रीय विमानस्थल से पूरे विश्व से जुड़ा है।. भारत को डब्ल्यूटीओ से बाहर निकाला जाए और कृषि वस्तुओं, दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाया जाए. किसानों की सबसे खास मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानून बनना है. बाहरी साइटों की सामग्री के लिए बीबीसी ज़िम्मेदार नहीं है. बाहरी साइटों का लिंक देने की हमारी नीति के बारे में पढ़ें.delhi-bookmakers.com
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में 32 किसान संगठनों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया था, अब 50 किसान संगठन एकजुट हैं. इस स्पोर्ट्स स्कूल में कक्षा 6 से 9 तक के बच्चे पढ़कर 10 ओलंपिक ग्रेड खेलों की तैयारी कर रहे हैं.
ताजनगरी आगरा में योगी सरकार की कानून व्यवस्था का अपराधियों को इस कदर डर है, कि वे खुद पुलिस थाने पहुंच कर ना सिर्फ अपराध करने की कसम खा रहे हैं बल्कि अपराधों से जिन्दगी भर तौबा भी कर रहे हैं. आगरा के तकरीबन हर थाने में जुआरी और सटोरियों का मजमा लगा हुआ था. आम आदमी पार्टी ने सीट शेयरिंग को लेकर जारी बातचीत के बीच कहा है कि कांग्रेस को एक लोकसभा सीट दी जाएगी. पार्टी ने साथ ही दो टूक कह दिया है कि अगर समय से जवाब नहीं मिला तो पार्टी उम्मीदवारों का ऐलान कर देगी. देर शाम अचानक दिल्ली के कुछ इलाकों में हिंसा की अफवाह उड़ी जिसने देखते ही देखते कई इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया.
लुटियंस दिल्ली में सट्टेबाजी का भंडाफोड़, आठ गिरफ्तार
जब वो मोबाइल बातचीत गंभीरता से सुनी तो उनके कान खड़े हो गये. पता चला कि वो बातचीत तो, क्रिकेट के इंटरनेशनल सटोरियों-सट्टेबाजों के बीच हो रही है. वो भी इंटरनेशनल क्रिकेट मैचों में सट्टेबाजी की बातें.
दिल्ली पुलिस ने आयकर विभाग को भी इस मामले की जानकारी दे दी गई है. sixty eight टेस्ट और 188 वनडे खेले क्रोनिए ने हैंसी क्रोनिए की जब हेलीकाप्टर दुर्घटना में मृत्यु हुई तो उस समय उनकी उम्र 32 साल थी. क्रोनिए ने साउथ अफ्रीका की ओर से sixty eight टेस्ट और 188 वनडे मैच खेले. टेस्ट में उन्होंने छह शतक और 23 अर्धशतक की मदद से 3714 रन बनाए थे.
- अब हरियाणा-पंजाब के बीच शंभू बॉर्डर पर किसान दिल्ली कूच के लिए बढ़े.
- इन बातचीत का रिकॉर्ड रखा जाने लगा और छानबीन की जाने लगी.
- द टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार इनमें से दिनेश गुप्ता साहिबाबाद में एक रेस्टोरेंट का मालिक है.
- इसलिए मेरे विचार से 12 दिन की पुलिस हिरासत की अवधि इस उद्देश्य के लिए पर्याप्त होगी.
माना जा रहा है कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कतर के अमीर से मुलाकात का नतीजा है. शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी को अरब के सबसे ताकतवर लोगों में गिना जाता है, जिनके दखल के बगैर पासा पलटना मुश्किल था. किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन को लेकर कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, एमएसपी के लिए बहुत से स्टेक होल्डर से बात करनी होती है. उसके बाद किसान संगठनों के साथ भी बात होगी, साथ ही साथ अनुकूल और प्रतिकूल विषयों पर भी चर्चा करनी होती है जिससे कि किसानों के हित और देश के हित को देखा जा सके. उन्होंने कहा, किसानों को इस बात को समझने की जरूरत है. किसानों दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं ऐसे में सुरक्षाबलों को पूरी तरह से मुस्तैद कर दिया गया है.
आगरा में जुआरियों को पुलिस ने सिखाया सबक, पुलिस स्टेशन में शपथ लेकर अपराधियों ने जुआ न खेलने की खाई कसम
चावला की ओर से पेश एक अन्य वकील राहुल कुमार ने कहा कि आरोपी के खिलाफ आरोपपत्र भी दायर किया गया है और पुलिस अदालत की अनुमति के बिना मामले की जांच नहीं कर सकती है. चावला पर फरवरी-मार्च 2000 में दक्षिण अफ्रीका टीम के भारत दौरे पर मैच फिक्सिंग के लिए क्रोनिए के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप है. क्रिकेट की दुनिया के सबसे बड़े फिक्सिंग कांड खुलासा भी एक संयोग ही था. दरअसल दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह को 26 जून 1999 में एक नया मामला सौंपा गया था. अपोलो टायर ग्रुप के चेयरमैन और सीनियर अधिकारियों को जबरिया वसूली की धमकियां मिल रही थीं. ईश्वर सिंह को जिम्मेदारी दी गई कि वह जबरिया वसूली के लिए कुख्यात a hundred and fifty सरगनाओं के बारे में अपने कम्प्यूटर में मौजूद डाटाबेस को खंगाले और अपराधियों का पता लगाएं.
लोगों ने इसे दो गुटों की हिंसा समझा और देखते ही देखते कई इलाकों में हिंसा की अफवाह फैल गई. 2020 में हुए किसान आंदोलन में भी ऐसी बैरिकेटिंग देखने को मिली थी. सरकार की तरफ़ से बातचीत में खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल, कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा और गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय शामिल रहे.
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दिल्ली पंजाब हरियाणा और चंडीगढ़ के बॉर्डर सील कर दिए गए हैं. दिल्ली से जुड़े तीनों बॉर्डर सिंघु,टिहरी,गाजीपुर को सील कर दिया गया है. दरअसल क्रिकेट की दुनिया में अब तक का सबसे बड़े इस खुलासे का श्रेय एक अदना से इंस्पेक्टर को जाता है. जिसका इस काले कारोबार या फिर उसकी जांच से दूर-दूर तक का कोई वास्ता ही नहीं था.
कामनवेल्थ गेम्स 2002 में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले मुकेश कुमार इस विधालय के शूटिंग के हेड कोच हैं. आंदोलन में शामिल किसान कृषि ऋण माफ करने की मांग भी कर रहे हैं. दिल्ली की ओर आती मुख्य सड़कों पर भी कंटेनर, बसों और क्रेन रखी गई हैं.
उधर दक्षिण अफ्रीकी टीम के खिलाड़ी भी दिल्ली पुलिस की सफलता को नीचा दिखाने के लिए, रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद भी अपने कप्तान हैंसी क्रोनिये के समर्थन में खड़े हो गये. दिल्ली पुलिस की टीम उन हालातों में अगर कदम पीछे हटाती तो भी हारती. और उसे आगे बढ़ने के लिए कोई रास्ता देने को राजी नहीं दिखाई नहीं दे रहा था.
इस भांडाफोड़ में मैं आज जिस गेम का जिक्र यहां कर रहा हूं, उसने Gentleman Game कहे जाने वाले खेल को, तब के वक्त में तकरीबन तबाह कर डाला था. तब लगे बदनामी के दाग आज भी वक्त गुजरने के साथ हल्के नहीं पड़े हैं, अगर यह कहा जाये तो गलत नहीं होगा. पुलिस ने कहा है प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर ट्रॉली का इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे अन्य वाहन चालकों को असुविधा हो सकती है. इसके देखते हुए नई दिल्ली में ट्रैक्टरों के चलने पर बैन लगा दिया गया है.
हमने हैंसी क्रोनिये और संजीव चावला की ऑडियो रिकार्डिंग जरुर संभाल कर रख ली थी, वरना हम लोगों को शायद ही कोई बख्शता. यह ऑडियो रिकॉर्डिंग अदालतों में हर जगह हमारे लिए तुरुप का पत्ता साबित हुई. महकमे के आला अफसरों को विश्वास में लेकर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच में ईश्वर सिंह के बयान पर 23 मार्च 2002 को मुकदमा दर्ज कर लिया गया. बात चूंकि क्रिकेट जैसे गेम में सट्टे के भांडाफोड़ से संबंधित थी. लिहाजा खुलासे के बाद बबाल मचना तय था.मुकदमा दर्ज करने के तुरंत बाद ही दिल्ली पुलिस ने कृष्ण कुमार, सुनील दारा उर्फ बिट्टू और राजेश कालरा को गिरफ्तार कर लिया.
यह तीनों ही क्रिकेट के अंतरराष्ट्रीय बुकी संजीव चावला के गुर्गे थे. दिल्ली पुलिस के हरकत में आते ही संजीव चावला लंदन भाग गया. उसका राइट हैंड मनमोहन खट्टर भी दिल्ली पुलिस के शिकंजे फंसने से पहले ही भारत से गायब हो गया. इसके बाद जो हुआ वो दिल्ली पुलिस के लिए नाकाबिले बर्दाश्त था. लेकिन साउथ अफ्रीका क्रिकेट टीम के कप्तान हैंसी क्रोनिए?
वह क्रिकेट में जननायक की तरह थे, बच्चे उनके नक्शेकदम पर चलने का सपना देखते थे. लेकिन वह शख्स भारत में मैच फिक्सिंग का आरोपी है इसे पचा पाना आसान नहीं था. एक शाम इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह ने हैंसी क्रोनिये, संजीव चावला और भारत में बैठे एक अन्य सटोरिये के बीच जो बातचीत सुनी, उसने उनके अंदर मौजूद पुलिसिया दिमाग को झकझोर कर रख दिया. हैंसी क्रोनिये और संजीव चावला के बीच की जो टूटी-फूटी बात समझ आई उससे, इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह इतना तो ताड़ चुके थे कि, दोनो ही, क्रिकेट में सट्टेबाजी की सैटिंग में लगे हैं. और दोनो की मुलाकात जल्दी ही दिल्ली के एक होटल की बालकनी में होनी है. चूंकि इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह का क्रिकेट में कोई विशेष लगाव नहीं था.
किसानों और fifty eight साल से अधिक आयु के कृषि मजदूरों के लिए पेंशन योजना लागू करके 10 हजार रुपए प्रति माह पेंशन दी जाए. ये बैठक काफ़ी देर तक चली मगर किसानों को मनाने में सरकार विफल रही. इस स्कूल की क्षमता 200 बच्चों की है, और प्रारंभिक बैच में अभी 172 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं.
साउथ अफ्रीका के दो क्रिकेटरों हर्शल गिब्स और निकी बोए के खिलाफ भी पर्याप्त सबूत मिले थे, लेकिन उनके नाम भी चार्जशीट में नहीं थे. किशन कुमार को मिल रही थीं धमकियां ईश्वर सिंह को जांच के दौरान वे नंबर भी मिल गए जिन्हें ये सरगना इस्तेमाल कर रहे थे. ये वहीं नंबर थे जिनके जरिये टी-सीरीज परिवार के मुखिया गुलशन कुमार के भाई किशन कुमार को धमकियां मिल रही थीं.
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दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ब्रिटेन का 50 वर्षीय यह नागरिक सुबह आईजीआई हवाई अड्डे पहुंचा. उसके साथ लंदन से दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के अधिकारियों की एक टीम थी. अधिकारी ने बताया कि औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अपराध शाखा आरके पुरम स्थित अपने कार्यालय में चावला से पूछताछ करेगी. वर्ष 2000 में भारतीय पासपोर्ट रद्द होने के बाद उसने पांच साल बाद एक ब्रिटिश पासपोर्ट हासिल कर लिया था. उसने अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील दायर की थी जिसे पिछले सप्ताह यूरोपीय मानवाधिकार अदालत ने खारिज कर दिया था. पुलिस के पास आठ टेप हैं, जिनमें हैंसी क्रोनिए, संजीव चावला, किशन कुमार और राजेश कालरा और अऩ्य लोगों के बीच 14, 16, 18 मार्च को हुई बातचीत दर्ज है.
यह नंबर उस जमाने में हिंदुस्तान के मशूहर कैसेट किंग कहे जाने वाले बिजनेसमैन के छोटे भाई के नाम पर रजिस्टर्ड था. जब तीनों नंबरों की दिल्ली पुलिस के इस इंस्पेक्टर ने बातचीत सुनी, तो खुद के कानों पर इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह को भरोसा नहीं हुआ. क्योंकि मोबाइल पर दुबई और इंडिया में बैठे अज्ञात लोगों के बीच हो रही वो बातचीत थी ही इतनी ज्यादा चौंकाने वाली. जिसमें भद्रपुरुषों का खेल समझे जाने वाले और 22 गज की पिच पर खेले जाने वाले क्रिकेट को लेकर खतरनाक चर्चा हुआ करती थी.
इस पूल की ख़ास बात ये है कि ये टेम्प्रेचर कंट्रोल्ड है, ताकि ठंड में भी बच्चे अपनी स्विमिंग की प्रैक्टिस करते रहें और अपने खेल को और मजबूत करें. घटना का एक सीसीटीवी वीडियो क्लिप भी सोशल मीडिया पर सामने आया है जिसमें आरोपी को आज़ाद पर हमला करते देखा जा सकता है, जिससे राहगीरों में दहशत फैल गई और वे डर के मारे भागने लगे. संजीव राठौर दुनिया के किसी भी कोने में बैठे शख्स को फुटबाल, टेनिस, रग्बी जैसे खेलों में सट्टा लगवाता था. लोग आराम से अपने घर में बैठकर बिना किसी खतरे के, बिना कोई फोन कॉल किए सट्टा खेलते थे.
किसानों के दिल्ली चलो मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने कड़ी तैयारी कर रखी है. किसान अपनी गाड़ियां आगे न ले जा सकें इसलिए कील वाले फ्रेम, कंटीले तारों की फेंसिंग, सीमेंट के बोल्डर आदि लगा दिए गए हैं. इस वक्त सबसे बड़ी खबर लगातार किसानों का प्रदर्शन बना हुआ है. पिछले करीब तीन घंटे से सबसे ज्यादा तनाव की स्थिति दिल्ली से करीब दो सौ किमी दूर हरियाणा के अंबाला में पंजाब से सटे ब़ॉर्डर पर बनी हुई है. सरकार के मंत्रियों से बातचीत के बाद किसान नेताओं ने 13 फ़रवरी यानी आज दिल्ली कूच करने की बात दोहराई है.
आरोपी संजीव सट्टे के लिए बने ऐप जैसे स्काई, आइस, गोल्ड और डायमंड पर सट्टे का रैकेट चला रहा था. यह एप गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर से डाउनलोड करवाए जाते थे. भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को उसी तरीके से लागू किया जाना चाहिए और भूमि अधिग्रहण के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को दिए गए निर्देशों को रद्द किया जाना चाहिए.
ये सभी अभिजीत मयूर के घर पर सप्ताह के आखिरी दिनों में मिलते थे. देश में इस वक्त सबसे बड़ी खबर बनी हुई है किसानों का आदोलन. जहां करीब four घंटे से शंभू बॉर्डर पर तनाव सबसे ज्यादा फैला है और तब किसान आंदोलन जैसे ही तेज हो रहा है, तब पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान अदालत से बड़ी खबर आई है. पुलिस अधिकारियो के सामने जुआरी और सट्टेबाज जुआ व सट्टा ना खेलने की कसम खा रहे थे. इसी के चलते पुलिस थानों में जुआरियों और सटोरियों का मजमा लगा था .
इस बीच पुलिस ने किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े हैं, जिसके बाद भगदड़ के हालात बन गए हैं. दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाक में पांच लोगों ने मिलकर सबके सामने 25 साल से युवक की हत्या कर दी. पुलिस ने मंगलवार को बताया कि बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी की एक संकरी गली में पांच लोगों ने सबके सामने चाकू मारकर युवक को मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने बताया कि हत्या के इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
2000 का भारत और दक्षिण अफ्रीका का मैच फिक्सिंग कांड[संपादित करें]
सो उन्होंने उन बातों को सुनकर पहली दफा में तो अनसुना कर दिया. हांलांकि वे उन तीनों नंबरों पर हो रही बातों को बे-वजह ही मगर, एक पुलिस अधिकारी होने के नाते जब वक्त मिलता, तो अक्सर सुन लिया करते थे. इसी दौरान एक दिन उन्हें पता चला कि, वो जिन बातों को अनसुना कर रहे हैं, उन्हें गंभीरता से भी सुनना चाहिए.
इसलिए मेरे विचार से 12 दिन की पुलिस हिरासत की अवधि इस उद्देश्य के लिए पर्याप्त होगी. अदालत ने आरोपी को 25 फरवरी को पेश करने के निर्देश दिये. अदालत ने जांच अधिकारी को कानून के अनुसार आरोपी की चिकित्सा जांच कराने का भी निर्देश दिया. पुलिस ने अदालत को बताया कि क्रोनिए भी इसमें शामिल थे. “उन विपरीत हालातों में भी हमने (दिल्ली पुलिस) एक बड़ा और सेफ गेम खेल लिया था समझदारी से.
पुलिस ने कहा कि जब आरोपियों ने उस व्यक्ति की हत्या की तो वे नशे की हालत में थे. उन्होंने बताया कि मृतक की पहचान आजाद के रूप में हुई है, उसे चाकू से कई घाव लगे जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई. दिल्ली-एनसीआर में किसान आंदोलन के चलते ट्रैफिक पर खास असर देखने को मिल रहा है. जरायम की दुनिया का यह हैरतंगेज किस्सा है अब से करीब दो दशक यानि 22 साल पहले अप्रैल 1999 का. किक्रेट के माथे का यह वो कलंक है जिसकी कालिख आज तक हल्की नहीं पड़ी है.
इस बीच पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा है कि बल प्रयोग अंतिम विकल्प होना चाहिए. संजीव मोटा कमीशन लेकर लोगों को इनके आईडी और पासवर्ड देता था. संजीव के दुबई से भी तार जुड़े हैं जिसकी जांच चल रही है.
पूर्वी दिल्ली की डीसीपी प्रियंका कश्यप के मुताबिक एक सूचना के बाद forty five साल के आरोपी संजीव राठौर को उसके घर से गिरफ्तार किया गया. संजीव वैसे तो मकैनिकल इंजीनियर है लेकिन वो ऐप और गेम्स वेब पोर्टल के जरिये ऑनलाइन पूरी दुनिया में लोगों को सट्टा खिलवा रहा था. केंद्र सरकार और किसान यूनियनों के बीच बातचीत विफल हो गई है. इसके बाद शंभू बॉर्डर पर ट्रैक्टर पहुंचने शुरू हो गए हैं. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, वे अपना दिल्ली चलो मार्च जारी रखेंगे. इस विरोध प्रदर्शन के चलते पूरी दिल्ली में धारा-144 लगा दी गई है.
पुलिस के पास हैं आठ टेप ईश्वर सिंह को बाद में भी यकीन नहीं हुआ. उन्होंने कहा था, “विश्वास नहीं होता दक्षिण अफ्रीका का कप्तान इस तरह बातें करने लगा मानों वह संजीव चावला को लंबे समय से जानता हो.” यही थी क्रिकेट के इतिहास की सबसे बदनुमा बातचीत की शुरुआत. इसी बातचीत में पता चला कि फिक्सिंग के लिए पैसों का लेनदेन हुआ था. हालांकि क्रोनिए ने इन आरोपों को गलत बताया था, लेकिन बाद में उन्होंने जांच कमीशन के सामने इस बात को स्वीकार किया था कि फिक्सिंग मामले में मैच से संबंधित जानकारी लीक करने के लिए उन्होंने 15 हजार डॉलर लिए थे.
आइए जानते हैं आखिर वह कौन सी मांगे हैं, जिन्हें लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. देश के अलग-अलग शहरों से बच्चों का चयन दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल भले ही दिल्ली सरकार द्वारा संचालित है, लेकिन यहां पर दिल्ली के अधिवास का कोई आरक्षण नहीं है. इस स्कूल के प्रारंभिक बैच में एडमिशन के लिए देश के अलग-अलग शहरों में कैंप लगाकर बच्चों की प्रतिभाओं की परीक्षा ली गई और फिर उनका एडमिशन किया गया. पुलिस उप अधीक्षक(सीओ बॉर्डर) राकेश मिश्रा ने बताया कि ये सभी आरोपी एक दूसरे से व्हाट्सऐप के जरिेए जुड़े हुए थे. पुलिस इन लोगों की आईपीएल सट्टेबाजी के संबंध में जांच कर रही है.
13 साल बाद दाखिल हुई चार्जशीट दिल्ली पुलिस ने इस चर्चित मैच फिक्सिंग मामले में 13 साल बाद चार्जशीट दाखिल की थी. क्रिकेट की दुनिया को हिलाकर रख देने वाले इस मैच फिक्सिंग कांड में कुल छह लोगों को आरोपी बनाया गया. इसमें केवल एक ही क्रिकेटर का नाम था, वह थे हैंसी क्रोनिए. क्रोनिए खुद 2002 में एक हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए थे. हालांकि इस मामले में कई भारतीय खिलाड़ियों के नाम भी सामने आए थे, लेकिन चार्जशीट में किसी का भी नाम नहीं था.
इसलिए किशन कुमार को बताए बगैर उनकी टेलीफोन कॉलों पर नजर रखी जाने लगी. इन बातचीत का रिकॉर्ड रखा जाने लगा और छानबीन की जाने लगी. 2000 की फरवरी तक ईश्वर सिंह ने वे दो नंबर अलग कर लिए जिन नंबरों से किशन कुमार की नियमित बातचीत होती थी. इनमें एक नंबर संजीव चावला का था, जो लंदन में रहता था, लेकिन उसके सटोरियों से संबंध थे. किशन कुमार से अक्सर बात करने वाला दूसरा व्यक्ति सट्टेबाज संजीव चावला था. इस तरह आरोपी को पुलिस हिरासत में नहीं दिया जा सकता है.